Tuesday, May 26, 2020

चन्दामामा कहो तुम्हारी शान तुम्हारी कहाँ गयी

चन्दामामा कहो तुम्हारी शान तुम्हारी कहाँ गयी  



चंदा मामा कहो तुम्हारी
शान पुरानी कहाँ गई?
कात रही थी बैठी चरखा
बुढ़िया नानी कहाँ गई?


सूरज से रोशनी चुराकर
चाहे जितनी भी लाओ,
हमें तुम्हारी चाल पता है
अब मत हमको बहकाओ!


है उधार की चमक-दमक यह
नकली शान निराली है,
समझ गए हम चंदामामा
रूप तुम्हारा जाली है!


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